लेखनी कहानी -08-Mar-2023 ग़ज़ल होली

ग़ज़ल होली

सजाने प्रीत हर दिल में रंगीली आ गई होली।
बहाने प्रीतमय नदिया हठीली आ गई होली।

बसंती हो गया मौसम फ़िजा बिखरी बहारों में,
कली कोपल भ्रमर गुंजित छबीली आ गई होली।

सज गये बाग में किसलय रश्मि गिरती गुलाबों पे,
कुहुक कोयल दिवानी की सुरीली आ गई होली।

हरे, नीले, गुलाबी, लाल रंगों से सजी दुनिया,
सजाने प्रेम रस गहरा रसीली आ गई होली।

मिटाते भेद मानव के दिलों में प्यार का बंधन,
हंसी रंगीन मुखड़ों की ठिठोली आ गई होली।

सज  गई  नेह मधु शाला, पिलाने जाम आए हैं,
थिरकती, झूमती 'अलका' सजीली आ गई होली।

अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी' 
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।

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6 Comments

अदिति झा

09-Mar-2023 06:27 PM

Nice 👌

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Muskan khan

09-Mar-2023 06:16 PM

Nice

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Alka jain

09-Mar-2023 04:40 PM

Nice 👍🏼

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